शहर से 60 किमी दूर मौजूद है ग्रेसेस रिजॉर्ट। खेत-खलिहान से घिरा हुआ। भाजपा के विधायक सोमवार रात से यहीं हैं। विधायकों के आने के बाद से ही इस रिजॉर्ट पर सिक्युरिटी सख्त है। यहां सिर्फ चुनिंदा लोग ही आना-जाना कर सकते हैं। मीडिया की एंट्री भी बैन है। विधायकों के पहुंचते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल यहां तैनात कर दिया गया था। मंगलवार सुबह 6 बजे से जवानों की शिफ्ट थी। सुबह 10 बजे के करीब जब हम यहां पहुंचे तो तपती धूप में खड़े जवान नजर आए। रिजॉर्ट के सामने वाले खेतों में भाजपा के कार्यकर्ता इधर-उधर आराम करते दिखे और सामने से गुजर रहे गांव के लोग रुक-रुक कर पूछते नजर आए, 'भाईसाब यहां चल क्या रहा है?' 25 साल के पुलिस जवान ने जवाब दिया, 'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना'।

लंच के बाद रिजॉर्ट का लुत्फ उठाते भाजपा विधायक
हमने पुलिसकर्मी से पूछा कि आपकी ड्यूटी कब से लगी है? जवाब मिला- सरकार इनको बनाना है, परेशान हमको कर रहे हैं। सोमवार रात को भी हमें यहां बुला लिया था, लेकिन कोई विधायक आया ही नहीं। फिर मंगलवार सुबह से ड्यूटी लगा दी। यहां न छांव है, न बैठने का इंतजाम। पानी पीने के लिए भी संघर्ष है। बस खड़े रहो। फिर हमने पूछा- क्या यहां आसपास कोई चाय-पानी की दुकान है? तो बोला- हां 200 मीटर आगे ही तालाब है। वहां दुकान भी है। हम घूमते हुए उस दुकान तक पहुंचे। तो वहां भी भीड़ नजर आई। दुकानदार पोहा बनाते दिखा तो पूछा- भैया कितनी देर में बन जाएगा तो जवाब मिला, तीसरी बार बना रहा हूं। सुबह से भीड़ लगी है। बस 5 मिनट में बन जाएगा। दुकान पर बैठे लोग भी चाय की चुस्कियों के साथ सरकार पर ही बात कर रहे थे। एक लड़के ने कहा, 'मामा की सरकार आ गई तो फिर पूरे अधिकारी बदल जाएंगे, हमारी सीईओ मैडम को भी हटना पड़ेगा'। बाकी लोग हंसते हुए बोले, 'मामा फिर सब अपने हिसाब से करेगा'। पोहे खाकर यहां से हम फिर रिजॉर्ट के सामने पहुंच गए। इतने में सामने के ही खेत में बैठे लोगों में से किसी ने आवाज देकर बुलाया और पूछा- भैया आप मीडिया से हो क्या। हमने कहा, जी हां। तो बोला- मीडिया वालों के लिए हमारे नेताजी ने भोजन के पैकेट भेजे हैं, आप भी ले लीजिए। हमने कहा- भैया अभी नाश्ता किया है, फिर भी उन्होंने हमें एक पैकेट पकड़ा ही दिया।
हमने वहां लोगों से पूछा- नेताजी कब तक यहां रुकेंगे। तो एक कार्यकर्ता हंसते हुए बोला, 'ये सवाल तो उनके घर वाले भी हम लोगों से पूछ रहे हैं'। हमने पूछा, ऐसा क्यों, उनका फोन बंद है क्या? तो जवाब मिला हां फोन बंद है। कभी-कभी ऑन करते हैं थोड़ी देर के लिए। फिर बंद कर देते हैं। हम लोग बीच-बीच में जाकर उन्हें अपडेट दे आते हैं। इतने में दो युवक रिजॉर्ट से बाहर आते दिखे। हमने पूछा आप कौन हैं? तो एक युवक ने कहा- हम इछावर विधायक के भतीजे हैं। पूछा कि अंदर क्या चल रहा है, तो बोले- कुछ नहीं भाईसाब! सुबह सभी ने इछावर की प्रसिद्ध मावा-बाटी, समोसे और गन्ने के रस का आंनद लिया। फिर लंच में दाल-बाटी और भरता परोसा गया था। अब सब विधायक रिजॉर्ट के बाहर सैर कर रहे हैं। रिजॉर्ट के गार्ड से पूछा कि ऐसा माहौल पहले यहां कभी रहा है? गार्ड ने कहा- इसके पहले भाजपा के एक नेताजी के बेटे की शादी थीं। तब खूब गाड़ियां आई थीं, उसके बाद अब ऐसा हुआ है।